Maiya Karu Ambe Teri Aarti Lyrics in Hindi pdf

Maiya Karu Ambe Teri Aarti Lyrics in Hindi

मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । 

अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।। करूं…

अरे कंचन थाल सजा के रे, दिया कपूर जलाएं । 

पांच फूल की बतियां रे, मैया तोरे दरबार ।।

अरे एक हाथ खप्पर लियो रे, दूजे में त्रिशुल । 

तीजे हाथ खाड़ा लिये रे, चौथे में धरे फूल ।। करूं…

चम्पा-चमेली और केवड़ा रे, रघुवंश गुलाब | 

मोंगरन कली छिटकन लगी रे, मैया तोरे दरबार ।। करूं… 

दाहिने हाथ हिंगला लियो रे, डेरे में लंगूर ।

मैया तोरी विनती करत हो रे, माफ करियो कसूर ।। करूं… 

चम्पा के फूलत चमेली फूली रे, फूले गेंदा और गुलाब । 

आधी रात के खिल रही रे, मैया तोरे दरबार ।। करूं… 

शुंभ निशुंभ दोई दानव रे, जोधा बलवान । 

तीन भुवन उन जीतो रे, माने न हार ॥ करूं…

खुली जोत जगतारन रे, सब सुनी है पुकार । 

सकल मनोरथ पूर्ण भयो रे, दुख हुए सब दूर ।। करूं…

ओ मोरी आदि भवानी रे, रख लइयो मोरी लाज । 

सब मिलकर जस गावें रे, आये तोरे दरबार ।। करूं…

सुमर-सुमर जस गावें रे, रहे चरण अपार । 

चरण छोड़ कहां जावे रे, आये शरण तुम्हार ।। करूं…

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